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Showing posts from July, 2021

भगवान शिव की प्राचीन कथा भाग 2

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नमस्कार दोस्तों मैं दीपक शर्मा स्वागत करता हूं। Bhakti story 2                में आज का टॉपिक है भगवान शिव ने ऋषि पुत्र को दूधगंगा क्यों दी  बहुत समय पहले एक ऋषि वेयाग वेयाग पात  हुआ करते थे वह अपने समय में बहुत प्रसिद्ध ऋषि थे उम्र हो जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई उसके बाद उनका पुत्र भीख मांग कर अपना गुजारा करते थे पर बहुत से लोग ऋषि वेयाग पुत्र को ताने देते थे कि तू ऋषि का पुत्र होते हुए ना हवन जनता ना पाठ पूजा एक दिन वह तंग आकर अपनी मां से कहता है की है मां मैं अब कभी भीख नहीं मांगूंगा क्योंकि लोग मुझे ताने देते हैं कि मैं ऋषि का पुत्र होने के बाद भी ना में पूजा जानता हूं ना मैं पाठ जानता हूं तो उसकी मां कहती है समय समय की बात है एक समय तुम्हारे पिताजी के यहां पर बहुत इज्जत थी अब उनके ना रहने पर सब उनको भूल गए हैं हम आप यहां नहीं रहेंगे हम तुम्हारे मामा के घर चलेंगे वहां जाकर रहेंगे जैसी हो अपने मामा के घर जाते हैं उन दोनों में झगड़ा हो रहा होता है उनका झगड़ा देखकर मैं बाहर खड़े हो जाते हैं का मामा भी कामकाज नहीं करता था घर पर ही रहता था उनके पास कई गाय थी गाय से ही दूध दांत आता था

कैलाश पर्वत का रहस्य

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नमस्कार दोस्तों मैं दीपक शर्मा स्वागत करता हूं अपने चैनल  Bhakti story 2               में आज का टॉपिक है कैलाश पर्वत का रहस्य कैलाश पर्वत दुनिया का सबसे रहस्यमई पर्वत है यह तिब्बत में मौजूद है हिंदू धर्म में इसे सबसे पवित्र पर्वत माना जाता है पुराणों में इस पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान बताया गया है पर्वत की खासियत इतनी है कि दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट भी इस पर्वत के रहस्य के बारे में नहीं बता पाऐ है कहते हैं भगवान शिव आज भी इस पर्वत पर अपने परिवार के साथ रहते हैं इस पर्वत की ऊंचाई 21 हजार778 Ft है और इसके पश्चिम और दक्षिण में मन सरोवर राक्षस ताल कि 2 झीलें मौजूद है और इस चीज में बताओ इस पर्वत से दुनिया की कई मशहूर नदियां भी निकलती है जिसमें ब्रह्मपुत्र नदी सतलुज नदी सिंधु नदी भी निकलती है कैलाश पर्वत माउंट एवरेस्ट से ऊंचा नहीं है पर उसके रहस्य बहुत है अगर हम इस पर्वत को दूर से देखे तो तो यह पर्वत शिवलिंग की तरह दिखता है जो कि बर्फ से ढका है इस पर्वत को देखने का मौका उन्हीं लोगों को मिलता है जो अमरनाथ की यात्रा पर जाते हैं क्योंकि लोगों को तिब्बत में से गुजरना पड़ता है वहीं पर