साधना क्या है

नमस्कार दोस्तों मैं दीपक शर्मा स्वागत करता हूं



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आज का टॉपिक साधना क्या है

साधना का मतलब है मन मस्तिष्क को पवित्र करना मतलब साधना करने से हमारे मन मस्तिष्क के विचार साफ होते हैं हमें अच्छा लगता हैं हम ईश्वर को धीरे धीरे समझने लगते हैं क्योंकि साधना वो जरिया है जिससे हम ईश्वर को समझ सकते हैं साधना करने से हमारी आत्मा ऊर्जावान होती है हमारी आत्मा की ऊर्जा और बढ़ती है जिसे हम सात्विक ऊर्जा कहते हैं जैसी साधना करेंगे वैसा ही फल मिलेगा चाहे वह तामसिक हो या सात्विक हो सात्विक साधना करने से सात्विक शक्तियां हमारा साथ देती है साधना करने से हम अपने मस्तिष्क पर काबू पा सकते हैं मतलब साधना करने से हम अपने दिमाग की इंद्रियों को अपने हिसाब से काबू कर सकते हैं जैसा कि भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन से कहा था की दिमाग की इंद्रियों पर काबु पाया जा सकता है साधना करने से हमें अपने जीवन का लक्ष्य पता चलता है कि हमने इस धरती पर जन्म क्यों लिया है क्योंकि साधना ही वह जरिया है जिससे हम अपनी आत्मा को भगवान से मिला सकते हैं मतलब मोक्ष साधना के जरिए ही मोक्ष की प्राप्ति होती है कहते हैं रावण ने बहुत ही साधनाएं की थी तभी वह चारों वेदों का ज्ञानी था और वह ब्राह्मण भी था और राक्षस भी रावण की माता राक्षस जाति की थी और उसके पिता ब्राह्मण जाति के थे ऋषि साधना करने से हमारे ज्ञान की वृद्धि होती है साधना वह जरिया है जिससे हम ईश्वर को समझ सकते हैं साधना करने से हमारे अंदर की बुराइयां खत्म होती है सात्विक साधना से साधना करने से कोई भी मनुष्य देवत्त्व को प्राप्त करता है साधना करने से हमारे बुरे से बुरे गलत काम किए हुए भी सही हो जाते हैं मतलब हमने जो भी कुछ किसी के साथ गलत किया है उसका दोष हमारे ऊपर से हट जाता है साधना करने से हमारा शरीर शुद्ध हो जाता है कोई भी व्यक्ति साधना करता है तो उसके अंदर की बुराई खत्म हो जाती है साधना करने से हमें ईश्वर की बनाई हुई हर किसी जीव जंतु कोई भी वस्तु से लगाव होता है और उनमें ईश्वर का पास दिखाई पड़ता है साधना करने से हमारे अंदर अच्छे गुणों का आचरण होता है और बुरे गुणों का नाश होता है लगातार साधना करने से हम अपनी इंद्रियों पर काबू पा सकते हैं जैसा कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था साधना करने से कोई भी व्यक्ति समय का महत्व समझ जाता है उम्र भर साधना करने से कोई भी व्यक्ति जो अपने इष्ट की साधना करता है वह लास्ट में अपने ईस्ट को प्राप्त होता है लगातार साधना करने से कोई भी व्यक्ति अपने 32 गुणों में सर्वश्रेष्ठ हो जाता है जो मनुष्य के 32 गुण होते हैं यह था साधना का मतलब 

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                        धन्यवाद





 

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