विषकन्या

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आज का टॉपिक है विषकन्या के ऊपर

 विषकन्या कौन होती है यह   कहां मिलती है यह कैसे

 बनती है विषकन्या के बारे   में  

 जब भी हम सुनते हैं तो

दिमाग मैं सिर्फ एक ही बात समझ में आती है जैसे विष जो

 कि जहर है कन्या जो कि जैसे लड़की को कहा जाता

 है दोनों को मिलाकर विषकन्या बनती है यानी

 विषकन्या जहरीली लड़की विषकन्या वह होती है जो

लड़की यह हम यह कहे जिस लड़की को छोटी उम्र

से दूध के साथ थोड़ा-थोड़ा विश दे विष दीया करते थे

उनके खाने में भी दुनिया के अलग-अलग खतरनाक 

जहर को भी दिया जाता था खाने में मिलाकर विश्व के 

कारण उनका खून भी जहरीला हो जाता था और 

उनके शरीर में जितने भी नस  और खून शरीर का कोई 

भी अंदर का अंग होता हैं वह

सब जहरीला हो जाता था और उनके पसीने और आंसू 

से भी जहर ही बनता था कहे निकलता था अगर कोई 

भी व्यक्ति इनका झूठा भी खा ले तो उसकी मृत्यु हो 

जाती थी ऐसा नहीं है कि सारी लड़कियों विषकन्या 

बन जाती थी जिन लड़कियों का खून विश्व को सहन कर 

लेता था वही आगे चलकर विषकन्या बनती थी जो 

लड़कियां विश नहीं बर्दाश्त कर पाती थी उनकी मृत्यु हो 

जाती थी जैसे अगर आज के टाइम पर कहे जिनका 

डीएनए मजबूत होता है उनको जल्दी कोई बीमारी 

नहीं लगती और जिन का डीएनए कमजोर होता है वह 

कोई ना कोई रोक के शिकार हो जाते हैं सेम ऐसा ही होता 

था उस समय जिन लड़कियों का शरीर विश्व को सहन कर 

लेता था वह विषकन्या बन जाती थी का खून विश्व को 

सहन नहीं कर पाता था उनकी मौत हो जाती थी

 प्राचीन लोगों के अनुसार   और बड़े बुजुर्गों के 

अनुसार विषकन्या होती है

और जिन लोगों ने देखा है वह मानते हैं और जिन्होंने

नहीं देखा वह नहीं मानते की विषकन्या होती है विषकन्या

 उन लड़कियों को बनाया जाता था जोकि जैसे अनाथ

लड़कियां गरीब घर की लड़कियां बहुत ही सुंदर  

लड़कियां बड़े बुजुर्ग कहते हैं

राजा महाराजाओं के तौर पर

उनके राजगुरु मंत्री मुख्यमंत्री और सलाहकार राजाओं की

 सुरक्षा के लिए विषकन्या बनाते थे जिन लड़कियों को 

विषकन्या बनाया जाता था उन्हें बचपन में जहरीले जीव 

जंतुओं के साथ रखा जाता था नृत्य संगीत की भी उन्हें 

शिक्षा दी जाती थी और उसे छल विद्या में भी एक्सपर्ट 

बनाया जाता था विषकन्या इसलिए 

बनाते थे ताकि राजा की सुरक्षा की जा सके 

विषकन्या को दुश्मन राजा के पास भेजा जाता था और 

दुश्मन राजा को उससे सम्मोहन के लिए उसके 

पास भेज दिया जाता था और उसकी मृत्यु करा दी 

जाती थी जब कोई राजा विषकन्या के पास भी जाता 

था तो उससे संबंध बनाता था तो उसकी मृत्यु हो जाती 

थी और कोई भी व्यक्ति जो विषकन्या से प्रेम करता था 

या यह कहीं प्यार करता था

और विषकन्या के साथ संबंध बनाता था तो उसकी 

मृत्यु हो जाती थी कुछ विषकन्या लोगों के खाने में

 भी विश मिलाकर उन्हें मार देती थी यानी एक तरीके से 

देखा जाए तो लोग विषकन्या विषकन्या चलती फिरती 

मौत होती थी

आज भी विषकन्या घने जंगलों में और पहाड़ियों में

 रहती है जो कि

सुनसान होता है जहां इंसान कम आते जाते हैं विषकन्या 

ऊपर सीरियल भी बने हैं जिस में विषकन्या के बारे में 

बताया है आप लोगों ने चाणक्य आचार्य चाणक्य के

 बारे में तो सुना ही होगा जिस समय के राजा चंद्र ग्रुप 

मोरिया थे और चंद ग्रुप को मारने के लिए धनानंद नाम 

के राजा ने विषकन्या को राजा चंद ग्रुप के पास भेजा 

था जब आचार्य चाणक्य ने 

से देखते ही पहचान लिया कि यह विषकन्या है उन्होंने 

उस विषकन्या को पकड़वा दिया पुरुष विषकन्या को 

दूसरे राजा जोकि राजा चंद ग्रुप का दुश्मन था उसके 

पास भेज दिया उसे मारने के लिए आचार्य चाणक्य ने एक 

विषकन्या की जान बख्श दी थी और फिर आचार्य 

चाणक्य ने राजा चंद्रगुप्त मौर्य की रक्षा के लिए उनके 

खाने में प्रतिदिन थोड़ा थोड़ा विश किया करते थे जिससे 

वह धीरे धीरे विश्व पुरुष बन गाये आगे चलकर 

चाणक्य नहीं रहे तो राजा चंद ग्रुप की सुरक्षा हो सके 

विष कन्याओं से एक दिन राजा चंद ग्रुप भोजन कर रहे 

थे तभी उन्हें कोई काम आ पड़ा तो उन्होंने वह भोजन 

अधूरा ही छोड़ दिया और उनका झूठा भोजन उनकी 

पत्नी ने खा लिया जिस वजह से उसकी मृत्यु हो गई 

जब राजा चंद्रगुप्त मौर्य को पता चला उनकी पत्नी की 

मृत्यु हो गई है तो उन्होंने चाणक्य से पूछा तो चाणक्य 

ने उन्हें पूरी बात बता दी जिससे उन्हें पछतावा हुआ 

और संतुष्टि भी हुई की चाणक्य ने उनकी जान 

बचाने के लिए ऐसा किया थ

यानी इस बात से साबित होता है कि विश्व पुरुष भी 

बनाए जा सकते है।

     धन्यवाद

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